मां के दूध से बच्चे को मिलती है एंटीबॉडी, मिलती है कोरोना से लड़ने की क्षमता: शोध

मां के दूध से बच्चे को मिलती है एंटीबॉडी, मिलती है कोरोना से लड़ने की क्षमता: शोध

सेहतराग टीम

कोरोनाकाल में शिशुओं की फीडिंग पर रोक लग गई थी ,सीधे-सीधे शब्दों में कहें तो जिन-जिन महिलाओं ने हाल फिलहाल में बच्चों को जन्म दिया हो और वो महिलाएं कोरोना वायरस की चपेट में आ जाती हैं, उन्हें अपने नवजात शिशुओं को दूध पिलाने से मना कर दिया जाता है। लेकिन हाल ही में हुई रिसर्च में इसके उलट कहा गया है। इस रिसर्च में कहा गया है कि मां के दूध से कोरोना संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। रिसर्च के मुताबकि दूध पिलाने से शिशुओं में कोरोना बीमारी नहीं जाती। रिसर्च में यह भी कहा गया है कि मां के दूध से जो शिशु के शरीर में एंटीबॉडी जाती है, वह कोरोना के हमले को भी बेअसर कर देती है।

शोधकर्ताओं ने दर्जनों दूध के सैंपल का विश्लेषण किया, जिसमें कोरोना का एक भी स्ट्रेन नहीं पाया गया। अतः शोधकर्ताओं ने कहा है कि कोरोना हो जाने की स्थिति में मां को अपने बच्चे को दूध से वंचित नहीं करना चाहिए।

यूनिवर्सिटी ऑफ रोचेस्टर मेडिकल सेंटर न्यूयॉर्क के शोधकर्ताओं ने कहा है कि हमने दर्जनों सैंपल पर बारीकी से अध्ययन किया, लेकिन इन सैंपल में कोविड-19 का एक भी स्ट्रेन सामने नहीं आया। इसलिए कोरोना होने की स्थिति में शिशु को मां से दूर नहीं करना चाहिए। हालांकि इस रिसर्च को अभी पूरी तरह से मान्यता नहीं मिल पाई है। इसलिए अभी व्यापक रिसर्च किए जाने की जरूरत है। कुछ रिसर्च में कहा गया है कि मां के दूध में वायरस नही होते जबकि कुछ रिसर्च में मां के दूध में वायरस पाया गया है।

शोधकर्ताओं ने कहा है कि जिन मां को कोरोना का संक्रमण हो चुका है, उसके दूध में एक विशेष प्रकार की एंटीबॉडी पाई गई है जो वायरस के हमले के दौरान सक्रिय हो जाती है। इस दूध से वायरस ट्रांसफर नहीं होता। उन्होंने कहा कि करीब दो तिहाई सैंपल में दो खास तरह के एंटीबॉडी मिले है जो सक्रिय थे। शोधकर्ताओं ने कहा कि इस खोज से एक उम्मीद जागी है लेकिन अभी शुरुआती दौर है। इस पर अभी व्यापक रिसर्च किए जाने की जरूरत है।

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